प्राचीन ज्योतिष शास्त्र से आपकी वृश्चिक राशी

वृश्चिक, जिसे बिच्छू के चिन्ह से भी जाना जाता है, प्राचीन ज्योतिष विज्ञान के तीसरे नक्षत्र मण्डल को निर्मित करता है और एक विषैले बिच्छू के चित्र को प्रस्तुत करता है। वृश्चिक छोटे नक्षत्रों (तारामण्डलों) सर्पधारी या ऑफ़ीयूकस, सर्प तारामंडल के दो हिस्सों – “सर्प सिर” और “सर्प दुम” और उत्तरकिरीट या कोरोना बोरिऐलिस के साथ भी जुड़ता है। आज के आधुनिक वैदिक ज्योतिष शास्त्र में आपने व्यक्तित्व की कुंडली बनाने के लिए इस राशि का उपयोग प्रेम सम्बन्धों, सौभाग्य, स्वास्थ्य और गूढ़ ज्ञान प्राप्त करने के लिए एक मार्गदर्शक के रूप में किया जाता है।

परन्तु क्या इसे आरम्भ में ऐसे ही समझा जाता था?

सावधान रहिए! इसका उत्तर देने से आपकी ज्योतिष विद्या अनपेक्षित तरीके से खुल जाएगी – आपको एक अलग ही यात्रा पर ले जाएगी, उस तुलना में जिसका आपने अपनी कुंडली की जाँच करते समय इरादा किया था…

हमने प्राचीन ज्योतिष विज्ञान की खोज की और कन्या से तुला राशि की प्राचीन कुंडली की जाँच करने के बाद, हम वृश्चिक राशि के साथ आगे बढ़ते हैं।

वृश्चिक की उत्पत्ति कहाँ से हुई?

यहाँ वृश्चिक राशि के तारामण्डल या नक्षत्र को बनाने वाले तारों का एक चित्र दिया गया है। क्या आप तारों के इस चित्र में बिच्छू को देख सकते हैं? आपको इसके लिए बहुत अधिक कल्पना करने पड़ेगी!

वृश्चिक राशि के तारों का चित्र। क्या आप इसमें एक बिच्छू को देख सकते हैं?

चाहे हम ‘वृश्चिक’ के तारों को रेखाओं से जोड़ भी दें तो भी बिच्छू को देखना कठिन है। परन्तु यह चिन्ह मानव इतिहास को हम जहाँ तक जानते हैं, उसमें अतीत की ओर वापस चला जाता है।

वृश्चिक राशि को रेखाओं से जोड़ा हुआ है। उठी हुई पूँछ स्पष्ट दिखाई देती है। परन्तु आप कैसे जानते हैं कि यह बिच्छू है न कि एक हुक जैसा हिस्सा?

यहाँ पर 2000 साल से अधिक पुराने मिस्र के डेंडेरा मन्दिर में इस राशि चक्र का एक चित्र दिया गया है, जिसमें बिच्छू राशि पर लाल रंग से गोला लगाया हुआ है।

प्राचीन मिस्र के डेंडेरा राशि चक्र चित्र में वृश्चिक राशि

यहाँ नीचे राष्ट्रीय भूगौलिक राशि चक्र के तारों वाला एक आरेख दिया गया है, जिसमें दक्षिणी गोलार्ध में वृश्चिक राशि को दिखाया गया है। भले ही राष्ट्रीय भूगौलिक केन्द्र ने वृश्चिक को बनाने वाली राशि के तारों को आपस में जोड़ा है, तथापि रेखाओं से जोड़ने के बाद भी इस नक्षत्र में एक बिच्छु को ‘देखना’ कठिन है।

राष्ट्रीय भूगौलिक केन्द्र के चित्र में दिखाई गई वृश्चिक राशि

पिछले नक्षत्रों की तरह ही, काटने के लिए तैयार बिच्छू का चिन्ह सबसे पहले अपने आप से तारों में नहीं देखा गया था। अपितु सबसे पहले काटने वाले बिच्छू का विचार आया। आरम्भिक ज्योतिषियों ने इस विचार को तारों पर गढ़ दिया। हमारे पूर्वज अपने बच्चों को वृश्चिक राशि की ओर इशारा कर सकते थे और उससे जुड़ी कहानी बता सकते थे।

इस प्राचीन राशि की कहानी

राशि चक्र से सम्बन्धित नक्षत्र मिलकर तारों के साथ लिखी गई – एक ज्योतिषीय कहानी को बनाते हैं। वृश्चिक राशि बारह कुंडलियों में से तीसरी कुंडली है। हमने देखा कि प्राचीन काल से बाइबल में कहा गया है कि सृष्टिकर्ता ने इन राशि नक्षत्रों को चिह्नित किया है। इसलिए यह परमेश्वर की कहानी है, जो मानवीय इतिहास के आरम्भ से ही रची गई है। यह ज्योतिष विज्ञान की वह कहानी है, जिसे सबसे पहले मनुष्य उस राशि में पढ़ते हैं जिसे अब हम राशि चक्र के रूप में जानते हैं।

इसलिए मूल राशि आपके जन्म के समय और ग्रहों की गति के आधार पर सौभाग्य, स्वास्थ्य, प्रेम और गूढ़ ज्ञान के लिए मार्गदर्शन प्राप्त करने के लिए दैनिक निर्णयों को लेने के लिए कुंडली नहीं थी। यह सृष्टिकर्ता का मार्गदर्शक था जो उसकी योजना को लिखता है, ताकि लोग इसे हर रात देख और याद कर सकें। इस कहानी का आरम्भ कन्या राशि के वंश की प्रतिज्ञा के साथ हुई। यह तुला के भार तौलने वाले तराजू के साथ आगे यह घोषणा करते हुए बढ़ती है कि हमारे कार्यों का संतुलन स्वर्ग के राज्य की तुलना में बहुत कम है। हमारे हल्के कर्मों के छुटकारे के लिए कीमत की अदायगी की जानी चाहिए।

प्राचीन राशि चक्र में वृश्चिक कुंडली

परन्तु इस अदायगी की मांग कौन कर रहा है? वृश्चिक हमें दिखाता है और कन्या राशि के वंश और बिच्छू के बीच के स्वर्गीय संघर्ष को प्रकट करता है। इस संघर्ष को समझने के लिए हमें वृश्चिक को (इससे जुड़ा एक नक्षत्र) सर्पधारी या ऑफ़ीयूकस तारामण्डल के साथ देखना होगा।

वृश्चिक और सर्पधारी या ऑफ़ीयूकस नक्षत्र। मूसा और भूविज्ञान (सैमुअल किन्न्स, लंदन) के 1886 संस्करण से।

इस नक्षत्र के चित्र में एक विशाल बिच्छू (वृश्चिक) एक शक्तिशाली व्यक्ति (सर्पधारी या ऑफ़ीयूकस) की एड़ी में डंक मारने की कोशिश कर रहा है, जबकि सर्पधारी या ऑफ़ीयूकस बिच्छू को रौंद रहा है और साथ ही साथ एक कुंडली मारे हुए साँप के साथ कुश्ती कर रहा है। इस विशाल बिच्छू की पूँछ गुस्से में उठी हुई है, जो व्यक्ति के पैर पर वार करने के लिए तैयार है। यह चिन्ह हमें बताता है कि यह संघर्ष मृत्यु तक चलते रहने वाला है। वृश्चिक राशि में हम तुला राशि के न्याय के तराजू से हमें फिरौती देने के लिए अदायगी के स्वभाव को सीखना आरम्भ करते हैं। वृश्चिक और साँप (सर्प) एक ही विरोधी – शैतान के दो चित्र हैं।

तारों में दिया गया यह चिन्ह के मनु/आदम को दिए गए वादे को दोहराता है और उत्पत्ति की पुस्तक में लिखा हुआ है जब यहोवा परमेश्वर ने सर्प को कन्या राशि के वंश के बारे में बताया था

और मैं तेरे और इस स्त्री के बीच में, और तेरे वंश और इसके वंश के बीच में बैर उत्पन्न करूँगा; वह तेरे सिर को कुचल डालेगा, और तू उसकी एड़ी को डसेगा।

उत्पत्ति 3:15

यीशु के क्रूसीकरण के समय बिच्छू ने उसकी एड़ी पर आक्रमण किया था, परन्तु जब यीशु तीन दिन बाद मृत्यु में से जी उठा तो बिच्छू को नाश होने वाली पराजय का सामना करना पड़ा। वृश्चिक, सर्पधारी या ऑफ़ीयूकस और सर्प ने इसकी भविष्यद्वाणी बहुत पहले ही कर दी थी।

वृश्चिक के साथ संघर्ष को दूसरों द्वारा याद किया जाता है

प्राचीन संस्कृतियों ने दिखाया कि उन्होंने इस प्रतिज्ञा किए गए संघर्ष को याद किया जो अदन की वाटिका में आरम्भ हुआ था और क्रूसीकरण के समय अपने चरम पर पहुँचा।

2200 ईसा पूर्व ब्रिटिश संग्रहालय में बेबीलोन की मुहर आदम और हव्वा और सर्प की परीक्षा को दर्शाती है
प्राचीन मिस्र की मृतकों की पुस्तक में सर्प के सिर को कुचल दिया गया है

इन दो चित्रों से पता चलता है कि कैसे प्राचीन मिस्र और बेबीलोन के लोगों ने स्वर्गलोक की इन घटनाओं को और सर्प के सिर के कुचले जाने की प्रतिज्ञा को याद रखा था। प्राचीन यूनानियों ने इसे वृश्चिक राशि के माध्यम से याद किया।

यूनानी कवि अरस्तु ने 4थी शताब्दी ईसा पूर्व में निर्गमन का हवाला दिया है

उत्तरकिरीट या कोरोना बोरिऐलिस में साँप और मुकुट

वृश्चिक से जुड़ा हुआ तीसरा छोटा तारामण्डल या नक्षत्र उत्तरकिरीट या कोरोना बोरिऐलिस है – सर्पधारी या ऑफ़ीयूकस और सर्प के ऊपर एक मुकुट रखा हुआ है। एक साथ दिखाई गई इन तीन वृश्चिक राशियों के एक विशेष ज्योतिषीय चित्र का अवलोकन करें।

सर्पधारी और सर्प की दृष्टि कोरोना बोरिऐलिस के – मुकुट के ऊपर है।

सर्पधारी और सर्प दोनों ही मुकुट – अर्थात् उस नक्षत्र को देख रहे हैं, जिसे कोरोना बोरेऐलिस के नाम से जाना जाता है। सच्चाई तो यह है कि, ये दोनों इस मुकुट को प्राप्त करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं और हम देख सकते हैं कि सर्प कोरोना बोरेऐलिस को पकड़ने की कोशिश कर रहे हैं।

साँप (सर्प) तारामंडल – कोरोना बोरेऐलिस के मुकुट – के निकट पहुँचने की कोशिश में

सर्प मुकुट को अपने अधिकार में करने का प्रयास कर रहा है। यह दोनों के बीच चलने वाले संघर्ष के स्वभाव को दर्शाता है। यह केवल मृत्यु-तक चलने वाला-संघर्ष नहीं है, अपितु यह शासन और प्रभुत्व का संघर्ष भी है। मुकुट के लिए सर्प और सर्पधारी के बीच लड़ाई।

वृश्चिक राशि में आपके और मेरे लिए मिलने वाली एक कहानी

वृश्चिक सभी लोगों के लिए है, न कि केवल उनके लिए जिन्होंने एक निश्चित समय पर जन्म लिया है। यह अधिक धन या प्रेम प्राप्ति के लिए एक मार्गदर्शक मात्र नहीं है, परन्तु इससे प्राचीन काल से ही लोगों को यह याद रखने में मदद मिली है कि हमारे हल्के कर्मों से हमें छुटकारा देने के लिए हमारे सृष्टिकर्ता को कितनी दूर तक जाना होगा, जिसके लिए मृत्यु तक चलने वाले एक बड़े संघर्ष की और शासन करने के लिए विजयी होने की आवश्यकता पड़ेगी। वास्तव में ‘मसीह’ शब्द का अर्थ ही ‘शासक’ है।

प्राचीन वृश्चिक राशिफल

चूंकि राशिफल यूनानी भाषा के शब्द ‘होरो’ (घड़ी) से आया है और भविष्यद्वाणियाँ हमारे लिए इन महत्वपूर्ण घड़ियों को चिह्नित करती हैं। हम वृश्चिक राशि से सम्बन्धित ‘घड़ी’ अर्थात् समय पर भी ध्यान दे सकते हैं। वृश्चिक राशि को कुछ इस तरह से पढ़ा जाता है:

31अब इस संसार का न्याय होता है, अब इस संसार का सरदार निकाल दिया जाएगा; 32और मैं यदि पृथ्वी पर से ऊँचे पर चढ़ाया जाऊँगा, तो सब को अपने पास खीचूँगा।” 33ऐसा कहकर उसने यह प्रगट कर दिया कि वह कैसी मृत्यु से मरेगा।

30 मैं अब तुम्हारे साथ और बहुत बातें न करूँगा, क्योंकि इस संसार का सरदार आता है। मुझ पर उसका कोई अधिकार नहीं।

यूहन्ना 12:31-33, 14:30

यह कहते हुए कि ‘यह घड़ी अब है’ यीशु ने हमारे लिए इस ‘होरो’ अर्थात् राशि को चिन्हित किया। वृश्चिक हमें उस संघर्ष के बारे में बताता है कि शासन कौन करेगा। इसलिए यीशु शैतान को ‘इस संसार का सरदार’ कहता है और वह उस घड़ी अर्थात् समय उससे संघर्ष में मुलाकात करने वाला था। शैतान ने हम सब पर अधिकार कर लिया है, क्योंकि हमारे काम तराजू के पलड़े में हल्के पाए गए है। परन्तु यीशु ने पूरे विश्वास के साथ कहा कि उसका ‘मुझ पर कोई अधिकार नहीं’, जिसका अर्थ है कि पाप और मृत्यु की शक्ति का उस पर कोई अधिकार नहीं था। वह होरो अर्थात् घड़ी इस कथन की जाँच करेगा क्योंकि ये दोनों विरोधी एक-दूसरे का सामना कर रहे थे।

आपकी वृश्चिक राशि को पढ़ना

आज के दिनों में आप वृश्चिक राशिफल को पढ़कर निम्नलिखित मार्गदर्शन को अपने जीवन में लागू कर सकते हैं।

वृश्चिक हमें बताता है कि आपको किसी की सेवा करनी है। आपके हृदय के मुकुट पर किसी का दावा है। यह कोई प्रेमी, जीवन साथी या सम्बन्ध नहीं है जो आपके हृदय के मुकुट पर अन्तिम दावा करता है। यह या तो ‘इस संसार का सरदार’ है या फिर ‘मसीह’ है – वह जो परमेश्वर के राज्य पर शासन करेगा। अभी जाँच लें कि आपका मुकुट किसके पास है। यदि आप अपनी जान बचाने के लिए जीवन जीते हैं तो आपने अपने मुकुट को ‘इस संसार के सरदार’ को दे दिया है और आप अपनी जान गँवा देंगे। चूंकि वृश्चिक राशि अर्थात् बिच्छु के लक्षण मारने, चोरी करने और नष्ट करने वाले हैं, इसलिए यदि आपके पास आपका मुकुट है तो वह आपके अनुकूल नहीं है।

यह देखने के लिए स्वयं की जाँच करें कि क्या आपको ‘पश्चाताप’ करने की आवश्यकता है जैसी कि यीशु ने स्पष्ट रूप से शिक्षा दी है। इसका क्या अर्थ है, इसके लिए एक अच्छे अनुमान को लगाने के लिए आप कुछ अच्छे उदाहरण पा सकते हैं। यह ग्रह नहीं बल्कि आपका हृदय है, जो आपके लिए परिणाम को निर्धारित करेगा। जीवन में लागू करने के लिए अच्छे उदाहरण पवित्र संत नहीं हैं, अपितु नियमित गुणों वाले सामान्य लोग हैं, जिन्होंने पश्चाताप किया है। पश्चाताप सप्ताह के किसी भी दिन किया जा सकता है और शायद इसे आदत में बदलने के लिए दैनिक आधार पर किया जाना चाहिए।

राशि चक्र की कहानी में आगे बढ़ना और वृश्चिक राशि की गहराई में उतरना

दो बड़े विरोधियों के बीच संघर्ष की कहानी धनु राशि के द्वारा आगे बढ़ती है। प्राचीन ज्योतिष विज्ञान की कहानी के आधार पर यहाँ से जानकारी लें। कहानी की शुरुआत कन्या राशि से हुई है।

परन्तु वृश्चिक राशि चक्र सम्बन्धित बातों को गहराई को समझने के लिए निम्निलिखित को देखें

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