प्राचीन ज्योतिष शास्त्र से आपकी धनु राशि

धनु, या धनुष, राशि चक्र का चौथा नक्षत्र या तारा मण्डल है और यह एक घुड़सवार धनुषधारी की निशानी है। लतीनी भाषा में धनु का अर्थ ‘धनुषधारी’ होता है। आज वैदिक ज्योतिष शास्त्र में आपने व्यक्तित्व की कुंडली बनाने के लिए धनु राशि का उपयोग प्रेम सम्बन्धों, सौभाग्य, स्वास्थ्य और गूढ़ ज्ञान प्राप्त करने के लिए एक मार्गदर्शक के रूप में किया जाता है।

परन्तु क्या इसे आरम्भ में ऐसे ही समझा जाता था?

सावधान रहिए! इसका उत्तर देने से आपकी ज्योतिष विद्या अनपेक्षित तरीके से खुल जाएगी – आपको एक अलग ही यात्रा पर ले जाएगी, उस तुलना में जिसका आपने अपनी कुंडली की जाँच करते समय इरादा किया था…

हमने प्राचीन ज्योतिष विज्ञान की खोज की और कन्या से वृश्चिक राशि की प्राचीन कुंडली की जाँच करने के बाद, हम धनु राशि के साथ आगे बढ़ते हैं।

धनु नक्षत्र मण्डल की उत्पत्ति

धनु एक तारा नक्षत्र मण्डल है जो एक घुड़सवार धनुषधारी के चित्र को बनाता है, जिसे अक्सर अश्वनर के रूप में दिखाया जाता है। यहाँ धनु राशि को बनाने वाले तारे हैं। क्या आप इस तारों के चित्र में अश्वनर, अर्थात् घोड़े या धनुषधारी जैसा कुछ देख सकते हैं?

धनु तारा नक्षत्र मण्डल का चित्र

चाहे हम ‘धनु’ राशि को तारों की रेखाओं के साथी ही क्यों न जोड़ दें, फिर भी घुड़सवार धनुषधारी को ‘देखना’ कठिन है। परन्तु यह चिन्ह मानव इतिहास को हम जहाँ तक जानते हैं, उसमें अतीत की ओर वापस चला जाता है।

रेखाओं से जुड़ा हुआ धनु राशि का नक्षत्र मण्डल

यहाँ 2000 साल से अधिक पुराने मिस्र के डेंडेरा मन्दिर में इस राशि चक्र का एक चित्र दिया गया है, जिसमें धनु राशि पर लाल रंग से गोला लगाया हुआ है।

मिस्र के प्राचीन डेंडेरा राशि चक्र में धनु राशि

यहाँ नीचे राष्ट्रीय भूगौलिक राशि चक्र के तारों वाला एक आरेख दिया गया है, जिसमें दक्षिणी गोलार्ध में धनु राशि को दिखाया गया है, जिसे रेखाओं से जोड़ने के बाद भी इस नक्षत्र में घुड़सवार या धनुषधारी को देखना कठिन है।

राष्ट्रीय भूगौलिक राशि चक्र का तारों वाला आरेख जिसमें धनु पर गोला लगाया हुआ है

पिछले नक्षत्रों मण्डलों की तरह ही, धनुषधारी का चित्र तारा नक्षत्र मण्डल में नहीं आता है। बल्कि, आरम्भ के ज्योतिषियों ने घुड़सवार धनुषधारी के बारे में तारों के अतिरिक्त किसी और चीज़ से पहले से सोचा। फिर उन्होंने इस चित्र को एक चिन्ह के रूप में नक्षत्र मण्डल में गढ़ दिया। नीचे धनु का एक विशिष्ट चित्र दिखाया गया है। परन्तु जब हम धनु को अपने आसपास के नक्षत्रों मण्डलों के साथ देखते हैं, तो हमें इसके अर्थ का पता चलता है।

धनु का विशिष्ट ज्योतिष नक्षत्र मण्डल चित्र

इस राशि की वास्तविक कहानी

इस राशि की वास्तविकता आपके जन्म के समय और ग्रहों की चाल के आधार पर आपके दैनिक निर्णयों को सौभाग्य, स्वास्थ्य, प्रेम और अच्छे भाग्य की दिशा में मार्गदर्शन करने के लिए एक कुंडली देना नहीं थी। सबसे पहले मनुष्यों ने तारों में 12 राशि चक्रों को चिह्नित करके इस योजना को स्मरण किया। हमारे पूर्वज चाहते थे कि हम प्रत्येक रात इन नक्षत्रों मण्डलों को देखें और इनसे सम्बन्धित प्रतिज्ञाओं को स्मरण रखें। ज्योतिष विज्ञान मूल रूप से तारों से इस कहानी के अध्ययन और ज्ञान को प्राप्त करना था।

यह कहानी कन्या राशि में कुँवारी के वंश के साथ आरम्भ हुई है। यह तुला राशि के भार वाले तराजू के साथ आगे बढ़ती है, जो कि याद दिलाने वाला तथ्य है कि हमारे कार्यों का भार बहुत ज्यादा कम है, हमारे कम भार वाले कर्मों को छुटकारा देने के लिए अदायगी की आवश्यकता है। वृश्चिक ने कन्या राशि के वंश और बिच्छू के बीच जबरदस्त संघर्ष को दिखाया है। उनकी लड़ाई शासन के अधिकार की लड़ाई है।

प्राचीन राशि चक्र कहानी में धनु राशि

धनु राशि भविष्यद्वाणी करती है कि यह संघर्ष कैसे समाप्त होगा। हम समझ जाते हैं, जब हम धनु को अपने आसपास के नक्षत्रों मण्डलों के साथ देखते हैं। ज्योतिष विज्ञान का यह संदर्भ धनु राशि के अर्थ को प्रकट करता है।

राशि चक्र में धनु राशि – वृश्चिक राशि की पूर्ण हार के साथ

धनु राशि के द्वारा खींचा हुआ तीर सीधे वृश्चिक राशि के केन्द्र की ओर इशारा करता है। यह स्पष्ट रूप से घुड़सवार धनुषधारी को अपने नश्वर शत्रु को नष्ट करते हुए दिखाता है। प्राचीन राशि चक्र में धनु राशि का यही अर्थ था।

धनु राशि की एक और राशि चित्र। उसका तीर सीधे बिच्छू की ओर इशारा कर रहा है

लिखित कहानी में धनु राशि का अध्याय

अपने शत्रु पर कुँवारी के वंश की अर्थात् यीशु की अंतिम जय की भविष्यद्वाणी बाइबल में की गई है जैसा कि धनु राशि में चित्रित किया गया है। यहाँ पर इस विजय की लिखित भविष्यद्वाणी दी गई है।

11फिर मैं ने स्वर्ग को खुला हुआ देखा, और देखता हूँ कि एक श्‍वेत घोड़ा है; और उस पर एक सवार है, जो विश्‍वासयोग्य और सत्य कहलाता है; और वह धर्म के साथ न्याय और युद्ध करता है। 12उसकी आँखें आग की ज्वाला हैं, और उसके सिर पर बहुत से राजमुकुट हैं। उस पर एक नाम लिखा है, जिसे उसको छोड़ और कोई नहीं जानता। 13वह लहू छिड़का हुआ वस्त्र पहिने है, और उसका नाम परमेश्‍वर का वचन है। 14स्वर्ग की सेना श्‍वेत घोड़ों पर सवार और श्‍वेत और शुद्ध मलमल पहिने हुए उसके पीछे पीछे है। 15जाति जाति को मारने के लिये उसके मुँह से एक चोखी तलवार निकलती है। वह लोहे का राजदण्ड लिये हुए उन पर राज्य करेगा, और सर्वशक्‍तिमान परमेश्‍वर के भयानक प्रकोप की जलजलाहट की मदिरा के कुंड में दाख रौंदेगा। 16उसके वस्त्र और जाँघ पर यह नाम लिखा है : “राजाओं का राजा और प्रभुओं का प्रभु।”

17फिर मैं ने एक स्वर्गदूत को सूर्य पर खड़े हुए देखा। उसने बड़े शब्द से पुकारकर आकाश के बीच में से उड़नेवाले सब पक्षियों से कहा, “आओ, परमेश्‍वर के बड़े भोज के लिये इकट्ठे हो जाओ, 18जिस से तुम राजाओं का मांस, और सरदारों का मांस, और शक्‍तिमान पुरुषों का मांस, और घोड़ों का और उनके सवारों का मांस, और क्या स्वतंत्र क्या दास, क्या छोटे क्या बड़े, सब लोगों का मांस खाओ।” 19फिर मैं ने उस पशु, और पृथ्वी के राजाओं और उनकी सेनाओं को उस घोड़े के सवार और उसकी सेना से लड़ने के लिये इकट्ठे देखा। 20वह पशु, और उसके साथ वह झूठा भविष्यद्वक्‍ता पकड़ा गया जिसने उसके सामने ऐसे चिह्न दिखाए थे जिनके द्वारा उसने उनको भरमाया जिन पर उस पशु की छाप थी और जो उसकी मूर्ति की पूजा करते थे। ये दोनों जीते जी उस आग की झील में, जो गन्धक से जलती है, डाले गए। 21शेष लोग उस घोड़े के सवार की तलवार से, जो उसके मुँह से निकलती थी, मार डाले गए; और सब पक्षी उनके मांस से तृप्‍त हो गए।

प्रकाशितवाक्य 19:11-21

1फिर मैं ने एक स्वर्गदूत को स्वर्ग से उतरते देखा, जिसके हाथ में अथाह-कुंड की कुंजी और एक बड़ी जंजीर थी। 2उस ने उस अजगर, अर्थात् पुराने साँप को, जो इब्लीस और शैतान है, पकड़ के हज़ार वर्ष के लिये बाँध दिया, 3और उसे अथाह-कुंड में डालकर बन्द कर दिया और उस पर मुहर लगा दी कि वह हज़ार वर्ष के पूरे होने तक जाति जाति के लोगों को फिर न भरमाए। इसके बाद अवश्य है कि वह थोड़ी देर के लिये फिर खोला जाए।

प्रकाशितवाक्य 20:1-3

7जब हज़ार वर्ष पूरे हो चुकेंगे तो शैतान कैद से छोड़ दिया जाएगा। 8वह उन जातियों को जो पृथ्वी के चारों ओर होंगी, अर्थात् गोग और मागोग को जिनकी गिनती समुद्र की बालू के बराबर होगी, भरमाकर लड़ाई के लिये इकट्ठा करने को निकलेगा। 9वे सारी पृथ्वी पर फैल कर पवित्र लोगों की छावनी और प्रिय नगर को घेर लेंगी; और आग स्वर्ग से उतरकर उन्हें भस्म करेगी। 10उन का भरमानेवाला शैतान आग और गन्धक की उस झील में, जिसमें वह पशु और झूठा भविष्यद्वक्‍ता भी होगा, डाल दिया जाएगा; और वे रात दिन युगानुयुग पीड़ा में तड़पते रहेंगे।

प्रकाशितवाक्य 20:7-10

प्राचीन राशि चक्र के ये पहले चार लक्षण: कन्या, तुला, वृश्चिक और धनु राशि चक्र कहानी के 12 अध्याय के भीतर एक ज्योतिषीय इकाई को बनाते हैं, जो आने वाले शासक और उसके प्रतिद्वंद्वी पर ध्यान केन्द्रित करते हैं। कन्या ने उसके कुँवारी के वंश से आने की भविष्यद्वाणी की थी। तुला ने भविष्यद्वाणी की थी कि हमारी अपर्याप्त गुण के लिए कीमत अदा करनी पड़ेगी। वृश्चिक ने उस मूल्य के स्वभाव के विषय में पहले से ही बता दिया था। धनु ने सीधे बिच्छू की ओर इशारा करते हुए धनुषधारी के धनुष से अपनी अंतिम जय की भविष्यद्वाणी की।

ये राशियाँ सभी लोगों के लिए थीं, न कि केवल प्रत्येक नक्षत्र मण्डल के महीने में जन्म लेने वालों के लिए। धनु आपके लिए है, चाहे आपका जन्म 23 नवम्बर से 21 दिसम्बर के बीच ही क्यों न हुआ हो। मनु/आदम की सन्तान ने उन्हें तारों में रख दिया ताकि हम शत्रु पर अंतिम विजय को जान सकें और उसी के अनुसार अपनी निष्ठा का चयन कर सकें। यीशु के पहले आगमन ने कन्या, तुला और वृश्चिक राशि से सम्बन्धित बातों को पूरा किया। धनु राशि से सम्बन्धित बातों की पूर्णता उसके दूसरे आगमन की प्रतीक्षा कर रही है। परन्तु पहले तीन चिन्हों की प्राप्ति के साथ, हमारे पास विश्वास करने का एक कारण यह है कि धनु राशि भी इसी तरह से अपनी पूर्णता तक पहुँचेगी।

प्राचीन धनु राशिफल

चूंकि राशिफल यूनानी भाषा के शब्द ‘होरो’ (घड़ी) से आया है और बाइबल हमारे लिए इन महत्वपूर्ण घड़ियों को चिह्नित करती हैं, जिसमें धनु राशि से सम्बन्धित ‘घड़ी’ अर्थात् समय भी शामिल हैं। धनु राशि को कुछ इस तरह से पढ़ा जाता है:

36 “उस दिन और उस घड़ी के विषय में कोई नहीं जानता, न स्वर्ग के दूत और न पुत्र, परन्तु केवल पिता।

44 इसलिये तुम भी तैयार रहो, क्योंकि जिस घड़ी के विषय में तुम सोचते भी नहीं हो, उसी घड़ी मनुष्य का पुत्र आ जाएगा।

मत्ती 24:36, 44

यीशु हमें बताता है कि परमेश्वर को छोड़कर कोई भी उस समय को नहीं जानता कि उसकी वापसी और उसके शत्रु की पूरी पराजय, की सटीक घड़ी (होरो) अर्थात् समय कब है। यद्यपि, ऐसे संकेत पाए जाते हैं, जो उस घड़ी के निकट होने का संकेत दे रहे हैं। बाइबल बताती है कि हम इसके लिए तैयार नहीं होने वाले हैं।

आपकी धनु राशि को पढ़ना

आज के दिनों में आप धनु राशिफल को पढ़कर निम्नलिखित मार्गदर्शन को अपने जीवन में लागू कर सकते हैं।

धनु हमें बताता है कि मसीह की वापसी और शैतान की पूर्ण पराजय के समय से पहले आप कई तरह की ध्यान बाँटने वाली बातों का सामना करेंगे। वास्तव में, यदि आप अपने मन को प्रतिदिन नया करके नहीं बदलते हैं, तो आप इस संसार के मापदण्डों के अनुसार होंगे। तब वह घड़ी आपके ऊपर अप्रत्याशित रूप से आ जाएगी और आप उसके प्रकट होने के योग्य नहीं होंगे। इसलिए यदि आप उस घड़ी के प्रगट होने पर चूक जाते हैं, तो आने वाले भयानक परिणामों को कटनी को काटेंगे, इसलिए आपको स्वयं को तैयार करने के लिए रोजाना एक सचेत निर्णय लेने की आवश्यकता है। इस बात की जाँच करें कि कहीं आप मशहूर हस्तियों की धूर्त बातों और समाजिक जीवन की धारवाहिक कहानियों और गपशप का बिना सोचे-समझे अनुसरण तो नहीं कर रहे हैं। यदि ऐसा है तो आपके मन की गुलामी, घनिष्ठ सम्बन्धों का नुकसान, और निश्चित रूप से कई अन्यों के साथ उसकी वापसी पर चूक जाने जैसे लक्षणों का परिणाम होगा।

आपके व्यक्तित्व में सामर्थ्य और कमजोरियाँ दोनों हैं, परन्तु शत्रु, चाहता है कि आप विचलित रहें, वह आपके कमजोर गुणों पर आक्रमण करता है। चाहे यह व्यर्थ गपशप हो, अश्लील साहित्य हो, लालच हो, या फिर सोशल मीडिया पर अपना समय बर्बाद करना ही क्यों न हो, वह उन सभी प्रलोभनों को जानता है, जिनके कारण आप पाप में गिर सकते हैं। इसलिए मदद और मार्गदर्शन के लिए प्रार्थना करें ताकि आप सीधे और संकरे रास्ते पर चल सकें और उस घड़ी के लिए तैयार रहें। कुछ अन्य लोगों की खोज करें जो उस घड़ी अर्थात् समय को चूकना नहीं चाहते हैं और एक साथ मिलकर आप रोजाना एक-दूसरे की मदद कर सकते हैं, ताकि यह आपके ऊपर अचानक से न आ जाए।

धनु राशि चक्र की कहानी और राशिफल से सम्बन्धित बातों को गहराई को समझना

अगली चार राशियाँ भी मिलकर एक ज्योतिषीय इकाई को बनाती हैं, जो यह बताती हैं कि आने वाले व्यक्ति का कार्य हमें कैसे प्रभावित करता है, जिसका आरम्भ मकर राशि से होता है। इसकी शुरुआत को कन्या राशि से आरम्भ कीजिए और इसकी मुख्य बातों को यहाँ से जानें।

परन्तु धनु राशि की लिखित कहानी की गहराई में जाने के लिए यहाँ देखें:

• तारों की जाँच करने के लिए कल्कि की तरह लौटना

• जैसा कुरुक्षेत्र के युद्ध में हुआ: राजा की विजेता के रूप में वापसी